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अप्सरा साधना: तकनीक, लाभ और उपाय
हनुमान देह रक्षा मंत्र – शरीर रक्षा मंत्र- प्राण रक्षा मंत्र
कामेच्छी अप्सरा साधना बिशेष : इन १६,१०८ अप्सराओं में से कुछ ही ऐसी हैं जो सहजता से सिद्ध हो जाती हैं और साधक के साथ यथेष्टरूप में निबास करती हुई समृद्धि प्रदान करती हैं । यहाँ केबल कामेच्छी अप्सरा की साधना का बर्णन किया जा रहा है । यह कला क्षेत्र में बिशेष प्रगति के लिए अत्यन्त लाभकारी साधनाएं होती हैं ।
रिद्धि सिद्धि शाबर मंत्र साधना भगवन गणपति की प्राचीन साधना
संकुचित विचार: कुछ लोग अप्सरा साधना के प्रभाव में आकर, जीवन की अन्य जिम्मेदारियों से भटक सकते हैं और विचारों में संकुचित हो सकते हैं।
आत्म-विश्वास: साधक को अपने आत्म-विश्वास में पूरी श्रद्धा रखनी चाहिए। आत्मा के शक्तियों का पूर्ण विश्वास रखना महत्वपूर्ण है।
कामेच्छी अप्सरा साधना महत्व : इन अप्सराओं की समृद्धि समर्थ समझकर अनेकों ऋषियों और राजाओं ने इनकी साधनाएं की अथबा ब्राह्मणों से कराई । जिसके कारण इनमें कई अप्सराएं धरा पर इन साधकों के पास अतुल बैभब के साथ दीर्घकाल तक रहीं । इनमें राजा पुरूरूबा और बिश्वामित्र के अपाख्यान लोक प्रसिद्ध हैं ।
गुरु की शरण में आवेश: सबसे पहले, साधक को अप्सरा साधना को सिद्ध करने के लिए एक प्रमुख गुरु की शरण में आना चाहिए। गुरु के मार्गदर्शन में साधक अप्सरा साधना के उपायों और तकनीकों को सीखता है।
इन अंतरों के बावजूद, दोनों अप्सराओं और परियों में आध्यात्मिक मानवता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और साधकों को आत्मिक उत्थान की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।
Sit in the peaceful space between 9pm to 5am and place eleven pink roses before you being an featuring to the Apsara.
Repeat the above mentioned approach for eleven days. Ensure that the roses are new and new For each check here working day’s ritual.
Participating in Apsara Sadhana can evoke potent thoughts and desires. For some people, this will bring about obsessive ideas or unhealthy attachments, especially if not approached which has a well balanced mentality.
बगुलामुखी उपासना में हल्दी की माला का उपयोग करें।
अप्सरा साधना एक प्राचीन आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें साधक अप्सरा देवियों के संग एकाग्रता और आध्यात्मिक सिद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होता है। इस साधना में साधकों को अप्सरा देवियों के माध्यम से सुंदरता, भोग, विवेक, और आनंद के साथ-साथ आत्मविकास और आध्यात्मिक उत्थान की साधना की जाती है। यह साधना आत्मज्ञान, आत्म-विकास, और आत्म-संयम में सहायक होती है और साधक को आत्मिक शक्तियों का अनुभव कराती है।